गुरुवार, 20 मई 2010

घरेलू हिंसा कानून के दायरे में महिलाएं भी


नई दिल्ली ।। घरेलू हिंसा कानून के तहत सिर्फ पुरुषों के खिलाफ ही नहीं महिलाओं पर भी मामला चल सकता है। केंद्र सरकार के मुताबिक महिलाओंको घरेलू हिंसा से बचाने के लिए बने इस कानून की जद में महिलाएं भी आ सकती हैं। 

दिल्ली की कुछ अदालतों ने इस कानून के तहत महिलाओं के खिलाफ मुकदमों में कुछ फैसले लिए हैं। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर कहा है कि सरकार अदालत के फैसलों का सम्मान करती है और उनका समर्थन करती है। मंत्रालय ने हलफनामे में कहा है कि इस एक्ट का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचाना है। लेकिन इसका यह कतई मतलब नहीं है कि महिलाओं को सिर्फ पुरुषों से बचाना है... हिंसा की शिकार महिला के पास घरेलू हिंसा से बचाव के लिए मौजूद कानून में उसे प्रताड़ित करने वाले के स्त्री या पुरुष होने से फर्क नहीं पड़ता है।

केंद्र सरकार का यह रुख एक महिला वर्षा कपूर की याचिका के जवाब में सामने आया है। वर्षा कपून ने अपने वकील के जरिए यह अपील की थी कि इस कानून की उस धारा को ख़त्म कर दिया जाए जिसमें महिलाओं को आरोपी बनाए जाने और उनपर मुकदमा चलाए जाने की बात कही गई है।

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